अविनाश चंद्र की खबर

कोरिया (चिरमिरी) छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती जिला कोरिया का चिरमिरी जोकि काले हीरे की नगरी के रूप में जाना जाता है प्राकृतिक संपदा से भरपूर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर चिरमिरी प्रतिवर्ष लाखो टन कोयला से देश को प्रगतिशील और

समृद्धि बनाता हैवही चिरमिरी की काले हीरे की नगरी कहे जाने वाले शहर की सच्चाई भी जानना जरूरी है आपको बता दें कि चिरमिरी क्षेत्र में इन दिनों कोयले का अवैध कारोबार अपनी चरम सीमा पर चल रहा है चाहे पुलिस प्रशासन हो या चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन हो कोयले के कारोबार को लेकर कोई गंभीर नहीं है चिरमिरी क्षेत्र के कई हिस्सों में बाहरी मजदूरों को बुलाकर कोयले की खुदाई की जाती है साथ ही सुरंग नुमा बनाते हुए कोयले का अवैध उत्खनन किया जा रहा है कुछ ही दिन पूर्व कोयले के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए जहां पुलिस प्रशासन तत्परता दिखाई वही चंद दिनों

में ही कोयले का अवैध कारोबार और तेजी से फलने फूलने लगा यदि सूत्रों की माने तो कोयले के अवैध कारोबार को करने वाले कारोबारियों पर संरक्षण प्राप्त है अब यह संरक्षण किसका है क्यों है यह शासन प्रशासन का पता लगाने का काम है लेकिन एक बात तय है कि जिस प्रकार से वर्तमान समय में कोयले का अवैध कारोबार चल रहा है यह कहीं ना कहीं शासन प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान पैदा करता है पत्रकार के द्वारा अवैध कोयले के उत्खनन का धरातल पर तफ्तीश किया गया तो पता चला कि चिरमिरी क्षेत्र के कई हिस्सों में पूरे दिन अवैध रूप से कोयले का उत्खनन किया जाता है दिन के समय दर्जनभर मजदूरों से कोयला खुदाई का कार्य किया जाता है कोयला खुदाई की जगह पर पहुंचने पर पूरे मजदूर खुदाई का सामान छोड़कर भागने लगते हैं आश्चर्य की बात यह भी है कि कोयले के अवैध कारोबार करने वाले कारोबारियों के हौसले भी इस कदर बुलंद है कि जिन गाड़ियों से कोयले का अवैध कारोबार किया जाता है उन गाड़ियों का हाल भी इतना खराब है कि ना तो बीमा होता है ना ही रजिस्ट्रेशन रहता है कबाड़ की तरह गाड़ियां तूफानी रफ्तार में चलती रहती हैं राजनीतिक संरक्षण प्राप्त किए कोयले के कारोबारियों का हौसला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है वहीं पर पुलिस प्रशासन हो या चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन हो सब महज खानापूर्ति के लिए ही कार्यवाही कर रहे हैं वही कोयले की अवैध खुदाई करते समय यदि मजदूरों के साथ कोई हादसा हो जाता है तो उसका जवाब देही कौन होगा यह सोचने वाली बात है हालांकि चिरमिरी क्षेत्र में अवैध कोयले की उत्खनन में कई बार कई मजदूर हादसे के शिकार हो गए हैं लेकिन लीपापोती कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है अब देखना यह होगा कि चिरमिरी क्षेत्र में चल रहे कोयले के अवैध कारोबार पर कब और कैसे अंकुश लगेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन एक बात तय है कि इन दिनों कोयले के अवैध कारोबारियों का हौसला सातवें आसमान पर है
blitz hindiके साथ जुड़े हर समाचार सबसे पहले और सटीक पाने के लिए | विज्ञापन के लिए संपर्क करेअविनाश चंद्र -8964006304 / 83195220243/रफीक अंसारी पटना कोरिया:-9770277040